AYODHYA RAM MANDIR NO FURTHER A MYSTERY

ayodhya ram mandir No Further a Mystery

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अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरङ्गी ।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।

कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो: बधाई भजन

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

O the Son of Wind, You tend to be the destroyer of all sorrows. You are the embodiment of fortune and prosperity.

यह

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

क्या पवनपुत्र हनुमान शिवजी के अवतार है? पवनपुत्र हनुमान किसके shiv chalisa lyrics अवतार है?

नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।

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